दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में आजम खां, तजीन फात्मा और अब्दुल्लाह की जमानत याचिका खारिज

दो जन्म प्रमाण पत्र वाले मामले में मंलवार को एडीजे-6 की कोर्ट में आजम खान, पत्नी तंजीन फात्मा और अब्दुल्लाह आजम खान की जमानत पर बहस हुई। जिसमें आजम खान की तरफ से उनके सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जुबेर खान उपस्थित हुए।


उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महा अधिवक्ता विनोद दिवाकर उपस्थित हुए। कोर्ट ने दोनों की बहसों को सुनते हुए तीनों की जमानत खारिज कर दी। 

इससे पहले रामपुर सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम मंगलवार को पेशी के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच सीतापुर जेल से रामपुर लाए गए। कोर्ट में आजम खां को पत्नी और बेटे समेत सीतापुर की जेल में स्थानांतरित किए जाने के मामले पर सुनवाई हुई। 

आजम खां को सीतापुर की जेल भेजे जाने पर उनके अधिवक्ताओं ने आपत्ति लगाई है, जिस पर 29 फरवरी को बहस हुई थी और सुनवाई की अगली तिथि तीन मार्च निर्धारित की गई थी। कोर्ट से कुर्की का आदेश जारी होने के बाद सांसद आजम खां ने 26 फरवरी को पत्नी और बेटे समेत अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। 

तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया था। 27 फरवरी की सुबह तीनों को सीतापुर जेल भेज दिया था। इस पर आजम खां के वकीलों ने एडीजी-6 धीरेंद्र कुमार की कोर्ट में आपत्ति लगाई थी और कहा था कि अदालत की अनुमति के बिना आजम खां को सीतापुर क्यों भेजा गया। कोर्ट ने जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को तलब कर लिया था। 

29 फरवरी को जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर ने सांसद आजम खां को पत्नी और बेटे सहित सीतापुर की जेल भेजे जाने की वजह बताई थी। शासकीय अधिवक्ता ने शासनादेश का हवाला देकर कहा था कि किसी भी बंदी को अदालत की जानकारी के बिना दूसरी जेल में स्थानांतरित किया जा सकता है। 

कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि तीन मार्च निर्धारित कर दी थी। सुनवाई के दौरान सांसद आजम खां, तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम को भी पेश किया जा सकता है। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।